Home देश जामिया की जाल में फसी कांग्रेस, हिन्दु-मुस्लिम में बंट गया नागरिकता आंदोलन….?

जामिया की जाल में फसी कांग्रेस, हिन्दु-मुस्लिम में बंट गया नागरिकता आंदोलन….?

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(जी.एन.एस., प्रविण घमंडे) दि. 16
नये नागरिकता सुधार कानून को लेकर देश के पूर्वोत्तर के कुछ राज्यो में भारी विरोध-आगजनी और हिंसा की घटनाओं से भाजपा में चिता यह थी की जहां उनकी सरकार है वह आसाम और त्रिपुरा में भी हिंसा भडक उठी थी. विशेष कर आसाम में भडकी चिंता भाजपा और मोदी-शाह के लिये चिंता का विषय बना था. क्योंकि वहां भाजपा सरकार के सामने स्थानिय हिन्दु ही शरणार्थी हिन्दुओ का भारी विरोध कर रहे थे, न की स्थानिय मुस्लिम समुदाय.
अचानक दिल्ही की जामिया मिलिया इस्लामिया युनि. में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शूरू हो गया और उसे कडे हाथों से दबा कर पुलिस को जिस तरह से मैदान में उतारी गई और कई छात्र घायल हुये, पुलिस के साथ झडपें होना और जामिया के पुलिस दमन को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी द्वारा दिल्ही के इन्डिया गेट पर ताबडतोड धरना प्रदर्शन को लेकर राजनीतिक क्षेत्र में ये आकलन लगाया जा रहा है कि भाजपा नागरिकता विरोध को हिन्दु-मुस्लिम में बांटने में सफल होती दिख रही है. जैसे की कांग्रेस का जामिया(मुस्लिम) को लेकर धरना प्रदर्शन मुस्लिम का पक्ष लेना और हिन्दु शरणार्थीओ के लिये भाजपा द्वारा बनाया गया कानून को लेकर भाजपा हिन्दु का पक्ष लेना. इस तरह सियासी अटकलें यह लगाई जा रही है की पूरे मामले को हिन्दु-मुस्लिम का प्रारूप देने का प्रयास तो नहीं हो रहा….?
कांग्रेस की छबि मुस्लिमो को की पार्टी होने की होने से पिछले कुछ समय से राहुल गांधीने मंदिर-मंदिर का दौरा शूरु किया था. और उनका पपरिवार शिव भक्त होने का कह कर सोफ्ट हिन्दुत्व की छबि बन रही थी. लेकिन दिल्ही की जामिया युनि. जहां अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र ज्यादा होने से उसे मुस्लिम युनि. भी कही जा सकती है, वहां अचानक मुस्लिम छात्र द्वारा नये कानून के खिलाफ बाहर निकलना यकायक नहीं लग रहा. आसाम में स्थानिय हिन्दुओं ने बांग्ला या शरणार्थी हिन्दुओ को नागरिकता देने का कडा विरोध किया और आसाम को आग के हवाले कर दिया.
भाजपा की चिंता इसलिये भी बढी की वह हिन्दुओं की पार्टी है और हिन्दु राष्ट्र एक एजन्डा भी रहा है फिर भी नागरिकता कानून का हिन्दुओ द्वारा ही विरोध को लेकर क्या किया जाय….?
आखिर मानो श्रीराम ने उनकी पुकार सुन ली हो इसतरह जामिया युनि., अलीगढ मुस्लिम युनि. में नागरिकता कानून को लेकर धरना प्रदर्शन शूरु हो गया. जामिया में पुलिस दमन की शिकायतें मिली. कई घायल हो गये पुलिस की लाठीयों से. मामले ने तूल पकडा तो तुरन्त कांग्रेस ने इसका विरोध करते हुये प्रियंकाने मोरचा संभालते ही भाजपा के कुछ नेता मन ही मन मुस्करा रहे होंगे की वह कांग्रेस को मुस्लिमों का पार्टी करार देने में सफल रही…..!
सियासी क्षेत्र में और कुछ मिडिया में अब ये एजन्डा भी सुनाई दे सकता है की कांग्रेस ने अपना असली चहेरा आखिर दिखा ही दिया की मुस्लिम उसके डीएनए में है और भाजपा हिन्दुओ की तारणहार पार्टी…..?
सूत्रो का कहना है की जब जब कोइ मुद्दा हिन्दु-मुस्लिम में बंटा है तब तब भाजपा को ही राजनीतिक फायदा पहुंचा है. भारत के विभाजन के लिये कांग्रेस ही जिम्मेवार होने का बयान अमित शाहने नागरिकता बिल की चर्चा के वक्त देकर कांग्रेस को विभाजनकारी और मुस्लिम का पक्ष लेने वाली पार्टी की छबि बनाई थी. उसे एक कदम आगे ले जाने में अब जामिया का मामला बनाया जा रहा है….?
सूत्रो का मानना है कि भाजपा नागरिकता कानून को हिन्दु-मुस्लिम में बांटने में एक कदम आगे चल रही है. लेकिन इसका क्या राजनीतिक प्रभाव पडेगा, विशेष कर युपी के चुनाव या दिल्ही के चुनाव में भाजपा कांग्रेस को एन्टी हिन्दु पार्टी प्रस्थापित करने में इसका उपयोग कर सकती है. उस वक्त ये सभी बातें और तस्वीरों का उपयोग प्रचार-प्रसार में हो सकता है. राम मंदिर का मामला कांग्रेस ने अपनी वोट बेंक(मुस्लिम समुदाय) के लिये वरसो से लटकाये रखा ये आरोप प्रधानमंत्री मोदी द्वारा झारखंड चुनाव के दौरान लगाया जाना भी इसी रणनीति का एक भाग हो सकता है. जिस में कांग्रेस को एन्टी हिन्दु वाली पार्टी प्रस्थापित करना ही मुख्य है. और अब जामिया में पुलिस दमन को लेकर कांग्रेस द्वारा धरना प्रदर्शन करना लगता है कि जामिया की जाल में कांग्रेस फसती चली जा रही है, और भाजपा यही तो चाहती है…..!!