नये भारत में आपका स्वागत है डियर, टवेन्टी-टवेन्टी….शांत रहियोजी….!
फिर…., एक बार….क्या लगेगी कतार…? भारत तेरी जिंदगी होने लगी तार तार…. (जी.एन.एस) ता. 31 (प्रवीण घमंडे) एक गीत के क्या सुहाने शब्द हैःआनेवाला पल जानेवाला है….हो सके तो इसमें जिंदगी बिता दो पल जो वो जानेवाला है…..! पल या समय कीसी के लिये न रूका…न रूकेंगा…न सिकंदर के लिये रूका…न आज के सिकंदर के लिये रूकेंगा. वह तो केबीसी की टीकटीकी की तरह सुई के साथ चल रहा है.