(जीएनएस.विशेष रिपोर्ट) दि. 4
21 वी सदी के दुसरे दसक की, कोरोना वायरस के साथ ऐसी बुरी शुरूआत होगी ये शायद ही किसी ने सोचा भी न होगा. दुनिया का शायद ही कोइ ऐसा देश बाकी होगा जहां कोरोनाने दस्तक न दी हो. भारत भी इसकी चपेट में ऐसा आया है कि पूरे हिन्दुस्तान की 130 करोड का आबादी 21 दिन के लोकडाउन में बंद है.25 मार्च से पूरा देश 14 अप्रैल तक के लोकडाउन में चल रहा है. घर बैठे बैठे लोगो को यह अहसास कराने के लिये वह अकेले नहीं है…हम अकेले नहीं है…का नारा देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी ने 5 अपैल रविवार को रात 9 बजे घर की सभी लाइटे बंद कर 9 मिनिट पर मोमबत्ती-टार्च या दिया या फिर मोबाइल फोन की लाईट जला कर कोरोना के अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का मंत्र के साथ मा भारती का स्मरण करने को कहा है.
5 अपैल की रात पूरा भारत आकाश से कैसा दिख रहा है उसकी कोई सेटेलाइट तस्वीर भी आ सकती है. 5 अपैल की रात दिया जलाने का सुझाव दे कर प्रधानमंत्री ने मानो लोगो के मन में दिपावली जैसा मन भर दिया है. रोशनी का त्यौहार दिवाली या दिपोत्सव अभी आना बाकी है. लेकिन सरकार ने उससे पहले ही घर घर दिये या मोमबत्ती जलाने का एलान कर दिवाली के दिन जैसा माहौल दिखने को मिलता है वैसा ही माहौल 5 अपैल को देखने को मिलेंगा.
केन्द्र में 2014 से भाजपा की सरकार है और प्रधानमंत्री के तौर पर मोदीजी देश पर शासन कर रहे है. वे जिस पार्टी के है वह भारतीय जनता पार्टी या भाजपा की स्थापना 6 अपैल 1980 को मुंबई में हुई थी. भाजपा ने 5 अपैल के लिये भाजपा के शिर्ष नेता दिवंगत अटलजी के एक कविता या कुछ पंक्तिया भी जाहिर की है. जो दिया जलाने का संदेशा देती है. माना की घना अंधेरा है…मगर दोस्तो दिया जलाना कह मना है, आओ वहां दिप जलाये जहां अंधेरा है……!!
इसे महज संयोग ही कहा जा सकता है कि 6 अपैल भाजपा के 30 वें स्थापना दिन के एक दिन पहले या रात को घर घर दिये जलेंगे. ये सिर्फ एक संयोग ही कहा जा सकता है. वैसे तो भाजपा हर साल 6 अपैल को अपना स्थापना दिन मनाती है. लेकिन कोरोना की वजह से सब बंद है तब भाजपा ने भी अपना स्थापना दिन नहीं मनाने का निर्णय किया हो. भाजपा अपना स्थापना दिन बडी धूमधाम से मनाती है. राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर बुथ तक के कार्यकर्ता इसमें हिस्सा लेते है. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से सबकुछ बंद..बंद..है तब हो सकता है कि 5 अपैल की रात को जो दिये जलेंगे उनमें भाजपा के कई कार्यकर्तायें पार्टी के नाम का भी एक दिया जला कर 6 अपैल से पहले पार्टी का स्थापना दिन मना सकते है.
यह वही दल है जो दो से दोबारा सत्ता मे प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में बिराजमान है. अटलजी से लेकर लालकृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोषी समेत कई नेताओ ने उसे पालने-पोषने में अपना खूनपसीना एक किया है. 1984 के लोकसभा चुनाव में अटलजी समेत भाजपा के कई दिग्गज नेता हार गये थे. लेकिन नेताओने निराश न होकर जनसेवा जारी रखी और अटलजी तीन-तीन बार प्रधानमंत्री बने. भाजपा 2019 के आम चुनाव में दो से दोबारा सत्ता में आई. लाखो कार्यकर्ताओने इसे सत्ता की कुरसी तक पहुंचाने के लिये अपना बहुत कुछ कुर्बान किया है.
हर स्थापना दिन पर ऐसे कई कार्यकर्ताओ को याद किये जाते है. लेकिन इस बार कोरोना की वजह से देश संकट से गूजर रहा है तब 6 अपैल को पार्टी कार्यालय में दिये जलने या जलाने कि बजाय खुद जनता ही कोरोना को भगाने जो दिये या मोमबत्ती जलायेंगे वह पार्टी और अटलजी जैसे महान नेता की याद में भी हो सकते है.
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