Home देश न अलाव, न कंबल, न रैनबसेरा

न अलाव, न कंबल, न रैनबसेरा

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(जीएनएस)8 दिसंबर, जबलपुर। ठंड अपना कहर सितम के रूप में बरपा रही है। गरीबों की एक बार फिर शामत आन पड़ी है। खुले आसमान के नीचे ओस से बचने ये लोग पन्नी ओढक़र सोने मजबूर हैं। जन सेवा-मानव सेवा के नाम पर राजनीति करने एवं स्वयं को समाजसेवी कहने वाले लोग गायब हैं। मानवता शर्मसार हो रही है। ठंड से अभी तक 3 मौतें भी हो चुकीं हैं। बावजूद इसके
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