भारत में बढ रहें है निवेश के अवसरः आर्थिक रूप से बन रही है उभरती ताकत
भारत आजादी के पहले जब अंग्रेजो के चंगुल में था तब सामंतवाद और शाहुकारवाद था। उस परिस्थिति में देश के कुछ ही लोगों के हाथो में भारत की उद्योग जगत की कमान थी। आजादी के बाद आया मार्क्सवाद। जीसमें सबको समान अवसर देने की बात रखी गइ। ज्यादातर उद्योग सरकारी निवेश से ही पनपते थे। यहां तक की हमारी एयर इन्डिया भी ताता समूह के पास से सरकार ने ले