Home लेख प्राइवेट सिस्टम का खेल: आम आदमी की जेब पर हमला

प्राइवेट सिस्टम का खेल: आम आदमी की जेब पर हमला

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भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी अधिकार आज निजी संस्थानों के लिए मुनाफे का जरिया बन चुके हैं।  प्राइवेट स्कूल सुविधाओं की आड़ में अभिभावकों से मनमाने शुल्क वसूलते हैं—ड्रेस, किताबें, यूनिफॉर्म, कोचिंग—सब कुछ महँगा और अनिवार्य बना दिया गया है। वहीं, प्राइवेट हॉस्पिटल डर और भ्रम का माहौल बनाकर मरीजों से मोटी रकम वसूलते हैं। सामान्य बीमारी को गंभीर बताकर महंगी जांच, दवाइयाँ और भर्ती का दबाव बनाया
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