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हरियाली तीज: परंपरा की जड़ें और आधुनिकता की डालियाँ

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हरियाली तीज केवल श्रृंगार, झूला और व्रत का पर्व नहीं, बल्कि भारतीय स्त्री के आत्मबल, प्रेम और प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है। आधुनिकता की दौड़ में यह त्योहार भले ही प्रदर्शन का माध्यम बनता जा रहा हो, पर इसकी आत्मा अब भी स्त्री के मन, पर्यावरण और लोकसंस्कृति में जीवित है। यह पर्व रिश्तों में स्थायित्व, समाज में समरसता और जीवन में हरियाली लाने का संदेश देता है। आवश्यकता
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