टैबलेट या सरकारी खिलौने? तकनीकी शिक्षा का बड़ा धोखा
हरियाणा सरकार ने कोविड काल में 700 करोड़ रुपये खर्च कर 5 लाख छात्रों को टैबलेट बांटे थे, जिनका उद्देश्य डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना था। परंतु तीन साल बाद इन टैबलेट्स में न तो सिम कार्ड हैं, न इंटरनेट की सुविधा, और न ही इनसे पढ़ाई हो रही है। इनमें 2025-26 तक का सिलेबस तो अपलोड है, लेकिन उपयोग शून्य। यह लेख सरकारी तंत्र की लापरवाही, नीति निर्माण की