‘कारगिल युद्ध में शहीद कैप्टन सौरभ कालिया के बलिदान को कभी भुला नहीं सकता राष्ट्र’
(जी.एन.एस) ता. 10 पालमपुर जिस चट्टान से कभी सौरभ कालिया को लगाव था तथा जिस को वह अपनी कहा करते थे उसी चट्टान पर आज शहीद की प्रतिमा लगी हुई है। इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि अपने स्कूल टाइम में पिकनिक के दौरान सौरभ कालिया जिस चट्टान पर आकर बैठकर धौलाधार तथा न्यूगल के सौंदर्य को निहारा करते थे आज उसी चट्टान पर 22 वर्ष के अंतराल