मनुष्य जन्म परमात्मा की असीम अनुकंपा का प्रतिफल है और इसी के माध्यम से हम लौकिक और पारलौकिक सुख प्राप्त कर सकते हैं। यह हम पर निर्भर है कि हम देह का उपयोग किस तरह करते हैं। देह का पवित्र और मर्यादित उपयोग करने पर ऊध्र्वगति को सम्बल मिलता है व दैवीय स्वभाव के साथ देव लोक या देव योनि को प्राप्त कर सकते हैं जबकि देह का उन्मुक्त व