दान, धरम और पुण्य ऎसे नाम हैं जिनके बारे देश का कोई कोना ऎसा नहीं है जहाँ इनके बारे में सुनने को नहीं मिले। जहाँ कहीं धर्म के नाम पर कुछ हो रहा हो और वहाँ ये शब्द सुनाई न दें तो फिर वह धर्म काहे का। आजकल धर्म और इससे जुड़े विषयों ने उद्योगों का दर्जा हासिल कर लिया है और अलग-अलग रूपों में इनका प्रभाव जनमानस पर मण्डराने लगा