अजमेर (G.N.S)। शादी समारोह में मात्र 50 लोगों की अनुमति के खिलाफ राजस्थान में 2 दिनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। अजमेर वेडिंग एसोसिएशन के बैनर तले शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमें शादी समारोह में सेवा देने वाले टेंट, फोटो व वीडियोग्राफर, सिक्योरिटी, कैटरर्स, लाइट एंड साउंड, डीजे, ऑर्केस्टा, कलाकार,वेटर, हलवाई, डेकोरेशन, बैंडबाजा, एंकर सहित कई वैडिंग व्यवसायी शामिल हुए।
अजमेर वेडिंग एसोसिएशन ने अजमेर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने कहा कि वैडिंग व्यवसायी के अलावा 12-13 करोड़ कर्मचारी व मजदूर वैडिंग व्यवसाय से जुड़े हैं। केंद्र सरकार ने अनलॉक फेज-4 में शादी समारोह में 100 लोगों के सम्मिलित होने को लेकर राहत दी है। जबकि राज्य सरकार ने 50 लोगों की अनुमति ही दे रखी है। जिस कारण हमारा व्यवसाय बंद होने की कगार पर है, और रोजी रोटी की समस्या कड़ी हो गई है। उन्होंने निवेदन करते हुए कहा कि 1 सितम्बर से जारी होने वाली गाइडलाइंस में शादी में 300 से 400 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी जाये। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए शादी समारोह आयोजित करेंगे।
अजमेर फोटोग्राफर वीडियोग्राफर एसोसिएशन के संतोष कुमार सैन ने कहा कि वेडिंग इंडस्ट्री के लाखो लोग बेरोजगार हो गए हैं, उनके एक्यूप्मेंट बेकार हो रहे हैं। लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। हमारे लिए अपना जीविकोपार्जन करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हमारी मांगे मान कर शादी में 400 लोगों की छूट दी जाये। यदि सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी तो नई रणनीति बनाकर आंदोलन करेंगे।
अजमेर हलवाई कैटरिंग विकास समिति के उपाध्यक्ष गोपाल शर्मा ने कहा कि शादी समारोह में जुड़े सभी सेवा कर्मी एक साथ होकर अपनी मांगे सरकार के सामने रख रहे हैं। लॉकडाउन से लेकर अबतक हमारे व्यवसाय चौपट हो गए है। रोजगार की बड़ी समस्या सामने खड़ी हो गई है। राज्य सरकार ने 50 लोगों और केंद्र सरकार 100 लोगों की अनुमति दे रही है, जिससे हमारा गुजर बसर नहीं होगा।
वहीं जयपुर में साउंड एंड स्टेज लाइट एसोसिएशन ने शुक्रवार को अमर जवान ज्योति पर मशाल जुलूस निकाला। भारत सरकार एवं राज्य सरकार की गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग पालना करते हुए जुलूस निकाला गया। जुुलूस में शामिल एसोसिएशन के सदस्य मशाल लेकर एक ही नारा लगा रहे थे, हमारी भी सुने सरकार, हमारी भी सुने सरकार।