अब जमाना सेल्फ चार्ज या सेल्फ लर्निंग का नहीं बल्कि सब चार्जेबल है
अब जमाना सेल्फ चार्ज या सेल्फ लर्निंग का नहीं है बल्कि अब जो कुछ होता है सब चार्जेबल है। चार्ज नहीं तो कुछ नहीं। चार्ज हुआ तो चलेगा और नहीं हुआ तो मरा या अधमरा बेदम पड़ा रहेगा। जमाने की हवाओं को देख लगता है कि जड़ हो या चेतन सभी कुछ चार्ज होने पर ही चलते हैं। हम अपने रोजमर्रा काम आने वाले संसाधनों और विलासिता की वस्तुओं को