– डॉ. दीपक आचार्य स्वामी विवेकानंद जयन्ती के दिन हमें युवाओं की खूब याद आती है। इस दिन युवाओं की ही चर्चा होती है और युवाओं के उत्थान से जुड़े आयोजनों की परंपरा रही है। बरसों से हम यही सब कुछ करते आ रहे हैं। कभी स्वामी विवेकानंद के जयघोष लगाने में हम आगे ही आगे रहते हैं और कभी थोड़ा पीछे हट जाते हैं। समय-समय का फेर है। देश,