डॉ. वेदप्रताप वैदिक — असम की स्थिति विषम हो गई है। अगर असम की तरह कश्मीर भी खोल दिया जाए तो जरा कल्पना कीजिए कि उसकी स्थिति क्या होगी ? 1200 करोड़ रु. खर्च करने और साढ़े 6 करोड़ दस्तावेजों को खंगालने के बावजूद जो राष्ट्रीय नागरिकता सूची असम में बनी है, उसमें ऐसी-ऐसी हास्यास्पद और दयनीय भूले हैं कि जिनका जिक्र लंबे समय तक होता रहेगा। भारत के पूर्व राष्ट्रपति
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