इन दिनों सबसे अधिक भीड़ किसी की है तो वह है उपदेशकों की। ये उपदेशक बस्तियों, कॉलोनियों और चौराहों से लेकर सुनसान जंगलों तक हर कहीं बिखरे हुए हैं। सभी प्रकार के मीडिया और सोशल मीडिया पर उपदेशकों की अनियंत्रित और बेलगाम बाढ़ आयी हुई है। ज्ञानी भी उपदेशों की कृत्रिम बारिश करने पर तुले हुए हैं और अज्ञानी, कामचोर व निकम्मों से लेकर वे सारे लोग उपदेशों के प्रसार
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