Home अन्य आनन्द चाहें तो समय प्रबन्धन अपनाएँ

आनन्द चाहें तो समय प्रबन्धन अपनाएँ

152
0
संसार के प्रत्येक कर्म की एक निर्धारित समय सीमा होती है जो कार्य विशेष के अनुरूप कम-ज्यादा रहती है। हर काम समय पर होना चाहिए, इसके साथ ही यह जरूरी है कि इसके संपादन के लिए दी गई तयशुदा समय सीमा में ही पूर्ण होना चाहिए। प्रत्येक मनुष्य के लिए हर काम की समयावधि निश्चित की हुई है। अलग-अलग प्रकार के लोग इनके संपादन में न्यूनाधिक समय लगाते हैं। कुछ
Existing Users Log In
   
New User Registration
*Required field