इंदिरा-सोनिया को दांव देने वाले पवार, भतीजे के सामने लाचार!
(GNS),07 शरद पवार या तो ‘सहारों के मोहताज’ रहे या ‘सियासी बैसाखी’ बनते रहे, फिर ‘मराठा क्षत्रप’ कैसे बने. 2004 वाला वो मंज़र अब कम ही लोगों को याद होगा. 1958 से सियासी दांव पेच आज़माने वाले शरद पवार 2004 तक महाराष्ट्र से लेकर देश की राजनीति तक हर जगह स्थापित हो चुके थे. तब किसी को अंदाजा नहीं था कि सियासी स्टेडियम से लेकर BCCI की पिच तक जोड़-तोड़