इच्छा-मृत्यु या मृत्यु की इच्छा ?
डॉ. वेदप्रताप वैदिक इच्छा-मृत्यु पर अब हमारे सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी पक्की मोहर लगा दी है। 2015 में उसने राजस्थान उच्च न्यायालय के उस फैसले को उलट दिया था, जिसमें जैन-संथारा या संलेखना को आत्महत्या के बराबर अपराध माना गया था। लेकिन वह फैसला सिर्फ जैन-परंपरा के बारे में था। अब यह फेसला देश के सभी नागरिकों पर लागू होगा। अदालत का फैसला है कि इच्छा-मृत्यु आत्महत्या नहीं है। आत्म