केशवराय पाटन में कार्तिक स्नान का महत्व, दीपक तैर गया तो व्रत संपूर्ण
(जी.एन.एस) ता 02 बूंदी भारत की द्वितीय काशी के नाम से विख्यात बूंदी नगर अपनी स्थापना के समय से ही विद्वानों, वीरों और संतों के आश्रय की त्रिवेणी रही है। हर मोड़ पर बल खाती, अंगडाईयां लेती अरावली की तलहटी में बसी बूंदी जिसने अपने विशाल वक्ष में जमीन की मान की रक्षा के लिए प्राणों को हथेली पर रखकर झूमने वाले वीरों की अमर गाथाएं छुपा रखी हैं। प्रसिद्ध