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कोरोना में सशर्त छूट कहीं सांप के पिटारे को खोलने जैसा तो नहीं..?

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दिल्ली की तरह, अन्य राज्यों को एक सप्ताह के बाद समीक्षा और निर्णय लेना चाहिए..!

जी.एनए.स,(19/4/20) । राजस्थान, गुजरात, यूपी सहित अन्य राज्यों से 20 अप्रेल से लॉकडाउन में कुछ औद्योगिक गतिविधियों को सशर्त रियायतों के साथ शुरू करने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन इससे डर है कि कहीं स्थिति और न बिगड़ जाए। वहीं दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन में सशर्त छूट देने से मना कर दिया है और कहा है कि 27 अप्रेल को कोरोना को लेकर समीक्षा होगी, उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि यह छूट 20 तारीख को नहीं दी जाएगी, क्योंकि मामले बढ़ रहे हैं और लोग लॉकडाउन का अनुपालन नहीं करते हैं।

गुजरात, राजस्थान, यूपी, एमपी, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में भी लगातार मामले बढ़ रहे हैं। देश में इन राज्यों की स्थिति अच्छी नहीं है और लगातार केस बढ़ रहे हैं। गुजरात की स्थिति भी अच्छी नहीं है। आज भी 228 सकारात्मक मामले सामने आए हैं। और 1400 से अधिक मामलों में से एक हजार मामले केवल अहमदाबाद से हैं।

अधिकारियों के निर्देशन में कुछ व्यापार शुरू हो जाएंगे। लेकिन यह छूट देश के विभिन्न राज्यों में के लिए एक सांप-बिच्छु का पिटारा खोलने के समान भी साबित हो सकती है। इससे कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता हैै। सूत्रों ने कहा कि 20 अप्रैल से लॉकडाउन में सशर्त रियायत दी जाएगी। सभी अधिकारी-कर्मचारी अपनी-अपनी ड्यूटी पर आएंगे। इसमें कई ऐसे भी हैं, जो शायद हॉट स्पॉट या इससे जुड़े किसी दूसरे क्षेत्र में रहते हों।

भले ही कार्यालयों में थर्मल स्क्रीनिंग करना अनिवार्य कर दिया गया हो, लेकिन नियम की पालना शत-प्रतिशत होगी इसे सुनिश्चित करने की कोई व्यवस्था नहीं है। हर कार्यालय में मेडिकल टीम तो होगी नहीं, तो स्क्रीनिंग ठीक से हो पाएगी..?कार्यालय अधिकारी कार्यालय में व्यवस्था को लागू करवाएंगे। अब वे कितना लागू करवा पाएंगे..? और कर्मचारी कितना लागू करेंगे..?

ऐसे में जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, उन राज्यों में लॉकडाउन में सशर्त छूट देने पर एक बार फिर विचार कर लेना चाहिए। जैसे दिल्ली ने अपनी संक्रमण बढ़ता देख सषर्त छूट देने से मना किया है, दूसरे राज्यों को भी अपने क्षेत्र की समीक्षा दोबारा कर निर्णय पर विचार करना चाहिए।