गिद्ध और सूअर भी नहीं कर पाते हैं जो काम वह मनुष्य कर लेता है
जो काम गिद्ध और सूअर भी नहीं कर पाते हैं वह मनुष्य कर लेता है। मनुष्यों के भरे-पूरे समुदाय में निन्दकों की एक प्रजाति हुआ करती है जिसका काम ही निन्दा करना होता है। ये गुण इनमें शैशव से ही आने शुरू हो जाते हैं और युवा तथा प्रौढ़ होने तक चरम परिपक्वता पा लेते हैं। फिर जवानी की तरह इनमें उतार नहीं होता बल्कि ज्यों-ज्यों उमर बढ़ती जाती है,