दुआओं से ज्यादा ताकत बद्दुआओं में…!!
दुआओं का जितना असर होता है उससे कहीं ज्यादा असर होता है बद्दुआओं का। क्योंकि दुआएँ देते वक्त प्रसन्नता का भाव होता है और बद्दुआएं देते वक्त आक्रोष का। सामान्यतः किसी भी व्यक्ति के लिए चरम प्रसन्नता के क्षण जीवन में बहुत थोड़े आते हैं लेकिन चरम क्रोध और आक्रोश के क्षण कई बार आते-जाते रहते हैं। जब आक्रोश होता है तब सभी इन्दि्रयों का भरपूर मानस-आवेश और आवेग विद्यमान