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पिता नहीं, खाना नहीं, पैर में जूते नहीं फिर भी दो बहनों में उड़नपरी बनने का जज्बा

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(जी.एन.एस) ता. 09 पेट खाली और सपनों से भरी आंखें, देश के लिए सोना जीतना चाहती हैं ये बहनें, सिर पर पिता का साया नहीं, भरपेट खाना नहीं, पैर में जूते नहीं फिर भी दोनों बहनों में है उड़नपरी बनने का जज्बा। इस जज्बे को इनकी प्रतिभा व परिश्रम ने मुकाम तक पहुंचाया। हम बात कर रहे हैं रांची के नवाटांड (मांडर) डे बोर्डिंग सेंटर की दो बहनें फ्लोरेंस बारला
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