डॉ. वेदप्रताप वैदिक —परसों तक ऐसा लग रहा था कि अफगानिस्तान में हमारे राजदूतावास और वाणिज्य दूतावासों को कोई खतरा नहीं है लेकिन हमारा कंधार का दूतावास कल खाली हो गया। लगभग 50 कर्मचारियों और कुछ पुलिसवालों को आनन-फानन जहाज में बिठाकर नई दिल्ली ले जाया गया है। वैसे काबुल, ब़ल्ख और मजारे-शरीफ में हमारे कूटनीतिज्ञ अभी तक टिके हुए हैं लेकिन कोई आश्चर्य नहीं कि वे दूतावास भी तालिबान
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