डॉ. वेदप्रताप वैदिक — केंद्र सरकार में एक से एक अनुभवी और पढ़े-लिखे लोग हैं लेकिन समझ में नहीं आता कि जब मंत्रिमंडल की बैठक होती है तो उनकी बोलती बंद क्यों हो जाती है ? वे या तो सोचने-विचारने का बोझ नौकरशाहों के कंधों पर डाल देते हैं या फिर डर के मारे चुप्पी साधे रखते हैं। यदि यह सच नहीं है तो क्या नरेंद्र मोदी से नोटबंदी- जैसी
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