मर्ज बढ़ता गया, ज्यों-ज्यों दवा की
डॉ. वेदप्रताप वैदिक — दिल्ली की हवा जितनी जहरीली इस साल हुई है, वैसी पहले बहुत कम हुई है। पहले न तो दिल्ली में इतनी कारें, इतने जनरेटर, इतने कल-कारखाने, इतने लोग होते थे और न ही आस-पास के किसान इतनी पराली या भूसा जलाते थे। जो लोग दिल्ली में रहते हैं, हर साल इन दिनों इस तरह की दमघोंटू हवा को वे बर्दाश्त करते रहते हैं। वे कर भी