मौत के साये में भविष्य का पाठ पढ़ रहे मासूम
(जी.एन.एस) ता. 07 अंबाला जर्जर दीवारें। सात साल पहले कंडम घोषित बिल्डिंग। पूरे भवन पर पीपल के पेड़ की जड़ों की जकड़न। गुंबदनुमा पिलर के बीचों-बीच पड़ी बड़ी-बड़ी दरार और टूटा हुआ शेड, जहां 18 बच्चे मौत के साये में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अंबाला ही नहीं, पूरे प्रदेश में शायद यह पहला ऐसा आदर्श स्कूल होगा, जहां पहली, दूसरी, तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षाएं एक ही साथ ही