ये कैसी आजादी जहां सब डर कर जी रहे हैं: कैलाश सत्यार्थी
(जी.एन.एस) ता. 13 चंडीगढ़ यह कैसी आजादी है? लोग डर कर जी रहे हैं। बेटी शाम को एक घंटा लेट आती है तो मां एक घंंटे में दर्जनों में कॉल कर देती है। हो सकता है वह अपने दोस्तों में हो, लेकिन भय का माहौल है। ऐसे में इसे क्या कहें, यह डर है या आजादी। कोई बोले न बोले सत्यार्थी तो जरूर बोलेगा। लड़की के साथ दुष्कर्म होता है