(जी.एन.एस) ता 11 लखनऊ जब तुम्हें मंजूर न था मेरा दुनिया में आना तो मेरे जिस्म को सांसों की सजा क्यों दी।’ यह चंद पंक्तियां उस मासूम पर सटीक बैठती हैं, जिसे जन्म के बाद माता-पिता मरने के लिए कूड़ेदान में फेंक गए। शव का दाहिना हाथ और पैर का पंजा कटा था। उसके प्राइवेट पार्ट को कुत्तों द्वारा नोंचने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि पुलिस इस बात