Home देश युपी वे दिन नहीं रहे तो… (व्यंग्यबाण)

वे दिन नहीं रहे तो… (व्यंग्यबाण)

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डॉक्टर ने पूछा इधर उधर क्या दिखता है तो उन्होंने बताया कि छत से दिख रहा नीला आसमान, खाली सड़कें, साफ़ सुथरे हरे वृक्ष, पक्षी, मोर, हिरण देखकर परेशान सा हो जाता हूं नीचे उतरकर पानी पीता हूं तो गले में खराश सी होने लगती है।) उनमें कोरोना के लक्षण तो नहीं थे लेकिन तबीयत खराब लग रही थी। सुन रखा था कि कई बार निशान नहीं दिखते लेकिन कोरोना
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