शिव-पार्वती के विवाह के बाद मां नंदा की डोली कैलास विदा
(जी.एन.एस.) ता. 2 चमोली। जिले की उर्गम घाटी अपनी पौराणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक व सांस्कृतिक पहचान के लिये जानी जाती है। यहां पर धार्मिक, पौराणिक ऐतिहासिक व सांस्कृतिक मेलों का आयोजन समय समय पर होता रहता है। इसकी झलक चोपता मेले में दिखाई दी। शिव-पार्वती के विवाह के बाद जैसे ही मां नंदा की डोली कैलाश को रवाना हुई तो विदाई में पूरा माहौल गमगीन हो गया। 11 दिनों तक चले