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स्कूल ऑफ प्राइवेट, इंडस्ट्रियल और कॉर्पोरेट सिक्योरिटी मैनेजमेंट (एसपीआईसीएसएम) और रांची सिक्योरिटी (पी) लिमिटेड कौशल विकास प्रमाणन कार्यक्रमों के माध्यम से भारत के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एकजुट हुए।

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(G.N.S) dt. 13

गांधीनगर,

व्यापक सुरक्षा शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित एक प्रसिद्ध संस्थान, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के तत्वावधान में स्कूल ऑफ प्राइवेट, इंडस्ट्रियल और कॉर्पोरेट सिक्योरिटी मैनेजमेंट (एसपीआईसीएसएम) ने रांची, झारखण्ड क्षेत्र की अग्रणी सुरक्षा एजेंसी रांची सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। इस सहयोग का उद्देश्य देश और विदेश दोनों में कॉर्पोरेट और निजी सुरक्षा एजेंसियों में रोजगार के इच्छुक वंचित युवाओं को सशक्त बनाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से संयुक्त रूप से कौशल विकास प्रमाणन कार्यक्रम संचालित करना है। समझौता ज्ञापन में उल्लेखित कार्यक्रम, सुरक्षा उद्योग के उन कर्मियों, विशेषकर महिलाओं की भी ज़रूरतें पूरी करेगा जो वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों में अप-स्किलिंग और री-स्किलिंग के अवसर तलाशती हैं।

एमओयू पर हस्ताक्षर समारोह, आरआरयू के प्रो-कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) कल्पेश एच. वांड्रा और रांची सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक डॉ. अनिरुद्ध सिंह की उपस्थिति में हुआ। यह साझेदारी संबंधों को मजबूत बनाने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह समझौता दोनों हीं संस्थानों को सुरक्षा के क्षेत्र में आने वाली जरूरतों और समाज में रहने वाले सबसे गरीब तबके के वर्गों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना।

इस सहयोग के माध्यम से, स्कूल ऑफ प्राइवेट, इंडस्ट्रियल और कॉर्पोरेट सिक्योरिटी मैनेजमेंट, आरआरयू और रांची सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड का लक्ष्य, उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करना है जो उद्योग मानकों और आवश्यकताओं के अनुरूप हों। कौशल विकास प्रमाणन कार्यक्रम प्रतिभागियों को सुरक्षा उद्योग में सफल करियर के लिए आवश्यक ज्ञान और व्यावहारिक कौशल से लैस करेगा। विभिन्न समुदायों के व्यक्तियों के पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम को इस प्रकार से तैयार किया गया है ताकि सभीलोग उनकी सहूलियत के अनुसार ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड के माध्यम से प्रशिक्षण ले पायें।

वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के युवा एवं युवती, जो कॉर्पोरेट और निजी सुरक्षा एजेंसियों में काम करने की इच्छा रखते हैं, इन प्रमाणन कार्यक्रमों से काफी लाभान्वित होंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से उद्योग-प्रासंगिक कौशल प्राप्त करके, वे अपनी रोजगार संभावनाओं को बढ़ाएंगे और सुरक्षा क्षेत्र के विकास में योगदान देंगे। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा उद्योग के कर्मियों को खुद को कौशल बढ़ाने का अवसर मिलेगा, जिससे कैरियर में उन्नति और पेशेवर विकास संभव होगा।

सहयोग पर चर्चा करते हुए, आरआरयू के प्रो-वाईस चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) कल्पेश एच. वांद्रा ने आरआरयू के मिशन और शीर्ष स्तर के निजी सुरक्षा पेशेवरों को विकसित करने की विश्वविद्यालय के प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब सामान एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है तो सुरक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

रांची सिक्युरिटी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक, डॉ. अनिरुद्ध सिंह ने ‘नारी सशक्तिकरण’ के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण को रेखांकित किया। उन्होंने विश्व स्तर पर प्रसिद्ध सुरक्षा फर्मों द्वारा सकारात्मक प्रतिक्रियाओं और भर्ती का हवाला देते हुए महिलाओं के लिए सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सफलता पर प्रकाश डाला। डॉ. सिंह ने पसारा (PSARA) दिशानिर्देशों के अनुसार प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना जैसी राष्ट्रीय कौशल विकास पहल के साथ आरएसपीएल के श्रीधर ज्ञान संस्थान के संबंधों का भी उल्लेख किया।

स्कूल ऑफ प्राइवेट, इंडस्ट्रियल एंड कॉरपोरेट सिक्योरिटी मैनेजमेंट के प्रभारी निदेशक श्री निमेश दवे ने आरएसपीएल के साथ सहयोग के पीछे तर्क व्यक्त किया, जिसमें उन्होंने महत्वपूर्ण समय पर कौशल वृद्धि में किए जा रहे सराहनीय कार्यों का हवाला दिया। विशेष रूप से आदिवासी समुदायों और महिलाओं के लिए कौशल विकास में उनके लक्षित प्रयासों ने ध्यान आकर्षित किया है, और आरआरयू इस प्रभावशाली पहल में आरएसपीएल को अपना समर्थन देने में प्रसन्न है।

यह सहयोग, उत्कृष्टता, सशक्तिकरण और समावेशिता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो सुरक्षा उद्योग और इसके भीतर सार्थक प्रभाव डालने की चाहत रखने वालों के लिए एक उज्जवल भविष्य की शुरुआत करता है।