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हमारे नौकरशाहों की हिम्मत का स्वागत ही होना चाहिए ।! : डॉ. वेदप्रताप वैदिक

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देश के 65 सेवा-निवृत्त नौकरशाहों ने एक सार्वजनिक अपील जारी की है, जिसमें कहा गया है कि भारत में तानाशाही, असहिष्णुता और अल्पसंख्यक उत्पीड़न तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने संवैधानिक संस्थाओं से अपील की है कि वे इस प्रवृत्ति पर लगाम लगाएं। देश के वरिष्ठ नौकरशाह, जिन्होंने कई-कई दशक तक सरकार चलाई है, उनके द्वारा ऐसा संयुक्त बयान जारी करना अपूर्व घटना है। ऐसा बयान तो आपात्काल के पहले
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