60 की उम्र में कर रहे एमए, एक-एक अंक को लड़ रहे जंग
(जी.एन.एस) ता 29 देहरादून साठ वर्ष की उम्र में शिक्षा की ललक कॅरियर बनाने का साधन नहीं हो सकती। उम्र के इस पड़ाव पर न सिर्फ स्नातकोत्तर (एमए) की परीक्षा में बैठना और अनुत्तीर्ण होने पर एक-एक अंक के लिए संघर्ष करना बताता है कि शिक्षा का मोल कॅरियर और प्रतिस्पर्धा से कहीं अधिक है। कुमाऊं विश्वद्यालय पर सही उत्तर लिखने के बाद भी फेल करने का आरोप लगाने वाला