बच्चों की देखरेख करने वाली संस्थाओं को अधिनियम के तहत पंजीयन कराना अनिवार्य
(जीएनएस)10 अगस्त, जबलपुर। बच्चों की देखरेख और संरक्षण के जरूरतमंद शून्य से १८ वर्ष के बालकों हेतु संचालित समस्त संस्थाओं का किशोर न्याय (बालकों की देखरेश एवं संरक्षण) अधिनियम २०१५ की धारा ४१ (१) के अंतर्गत पंजीयन अनिवार्य है। किशोर न्याय अधिनियम, २०१५ की धारा ४२ के अंतर्गत यदि कोई संस्था देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को आश्रय देती है और वह पंजीकृत नहीं है तो ऐसी संस्था