डॉ. वेदप्रताप वैदिक सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एतिहासिक फैसले में अब यह तय किया है कि वह अनुसूचित जाति और जनजाति कानून का दुरुपयोग नहीं होने देगी। 1989 में बने इस कानून का मुख्य लक्ष्य यह था कि देश के अनुसूचित लोगों पर होनेवाले अत्याचारों को रोका जाए। इस कानून के तहत इतने कड़े प्रावधान किए गए थे कि कोई अनुसूचित व्यक्ति किसी भी व्यक्ति की जरा-सी भी शिकायत कर