धार्मिकता के ढोंग से जमाने को भ्रमित करना सबसे बड़ा अधर्म
धार्मिक होना अच्छी बात है लेकिन धार्मिकता का ढोंग पाल कर जमाने को भ्रमित करते रहना अपने आप में सबसे बड़ा अधर्म है। धर्म वही कहलाता है जिसे धारण करने पर वह धारणकत्र्ता की रक्षा करता है। इसका सीधा सा अर्थ यह है कि जो धर्म के अनुरूप आचरण करता है उसकी रक्षा अपने आप होती रहती है। धर्म का मतलब बाहरी दिखावों और आडम्बर से नहीं है बल्कि उन