नाकारा ही करते हैं झुण्ड की तलाश
मनुष्य मात्र में ईश्वर ने अपनी सारी अनुकम्पा लुटायी है और उसे अंश के रूप में प्रकटाया है लेकिन ऎसे लोगों की संख्या नगण्य हुआ करती है जो इस परम सत्य और शाश्वत स्थिति को समझ पाते हैं। बहुसंख्य लोग न केवल अपनी प्रतिभाओं और ऊर्जाओं से अनभिज्ञ होते हैं बल्कि उन्हें न अपने अवतरण के उद्देश्य का पता रहता है, न जीवन के लक्ष्य का। ऎसे लोग जो प्राप्त