Home डॉ. दीपक आचार्य आज हर कोई कम समय में ज्यादा पा लेने को बना उतावला

आज हर कोई कम समय में ज्यादा पा लेने को बना उतावला

182
0
। सभी को लगता है कि जैसे कामों का बोझ खूब ज्यादा है और समय कम। ऎसे में यदि काम न हो पाएंगे तो क्या होगा। हमारा भाग कोई और तो नहीं ले उड़ेगा। अनिश्चय और आशंकाओं में जीने की आदत पाल लेने वाला ऎसा हर इंसान जरूरत से अधिक उतावला और अधीर हो उठता है। यहीं से शुरू होता है उद्विग्नता, क्रोध और अशान्ति का सफर। ज्यों-ज्यों यह पल्लवित
Existing Users Log In
   
New User Registration
*Required field