बुद्धि के उपयोग पर निर्भर होता है बौद्धिक निखार और घनत्व
ईश्वर ने सभी मनुष्यों को बुद्धि का वरदान प्रदान किया है। बौद्धिक क्षमताएँ सभी में समान रूप से विद्यमान हैं। इनके समुचित और यथार्थ उपयोग पर निर्भर होता है बौद्धिक निखार और घनत्व। जो व्यक्ति अपनी बुद्धि को सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करता है, बौद्धिक सामथ्र्य को दूसरे अपात्रों और समाज के लिए घातक दुष्ट लोगों के लिए उपयोग में लाते हैं, उनकी बुद्धि मलीन होते-होते उत्तरोत्तर क्षीण