Home डॉ. दीपक आचार्य न रहें भूतों के भरोसे

न रहें भूतों के भरोसे

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हमारे आस-पास ढेरों लोग ऎसे मिल जाएंगे जो अक्सर वर्तमान की बजाय भूतकाल में जीने के आदी हो चले हैं। जो वर्तमान को अच्छी तरह नहीं जी पाते हैं लेकिन महत्त्वाकांक्षी हैं वे ही वर्तमान की बजाय प्रायः तर अपने भूतकाल की उपलब्धियों, घटनाओं व बातों का बड़े ही गर्व से साथ जिक्र करते हैं। इन लोगों के लिए उपलब्धिशून्य या सृजनात्मक गतिविधि विहीन वर्तमान की बजाय उनका भूतकाल ही
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