एक बड़ी व्यवस्थागत त्रासदी : विधायी महत्व से बेदखल होते राज्य विधानमंडल
(डॉ. अजय खेमरिया)मप्र विधानसभा का शीत सत्र 5 दिन चलना था लेकिन तीसरे दिन ही समाप्त कर दिया गया।10 विधेयक बगैर चर्चा के शोरगुल में पारित हुए।राजस्थान में सदन की बैठकें कम रखे जाने पर वहां विपक्षी दल भाजपा ने आपत्ति दर्ज की। नागपुर में आयोजित होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा के शीत कालीन सत्र की अल्पावधि को लेकर भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की आलोचना हुई।छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री