जबलपुर. जबलपुर में अवैध कॉलोनाईज़र्स पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है. प्रशासन ने यहां अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 60 कॉलोनाईज़र्स की निष्पक्ष जांच कर लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं. इनमें से 25 के खिलाफ एफआईआर की गयी है. लोगों की आंखों में धूल झोंक कर नियम विरुद्ध ढंग से कॉलोनियाँ तानने वालों के खिलाफ प्रशासन की सख्ती से कॉलोनाइजरों में हड़कंप मचा हुआ है.पिछले 8 माह में जबलपुर जिला प्रशासन ने 60 ऐसे फर्जी कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई की है जो नियमों की धज्जियां उड़ाकर कॉलोनी बना रहे थे. खास बात यह है कि इनमें से 25 कॉलोनाइजरों के खिलाफ तो एफआईआर दर्ज कराई गई है.जमीनों की खरीद फरोख्त पर रोककॉलोनी बनाने के लिए न सिर्फ कई विभागों की अनुमति लेनी पड़ती है बल्कि कॉलोनाइजर लाइसेंस और विकास शुल्क भी जमा करना पड़ता है. लेकिन जबलपुर में कुछ बिल्डरों ने कहीं भी कॉलोनियाँ तान कर करोड़ों की कमाई करने का सिलसिला शुरू कर दिया है. इसी को देखते हुए प्रशासन ने ऐसे लोगों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जिला प्रशासन ने 60 कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही उनकी जमीनों की खरीद फरोख्त पर भी रोक लगा दी है.कॉलोनी में न बगीचा, न पानी सड़क नियमों की धज्जियां उड़ाकर बन रही कॉलोनियों में न तो बच्चों के खेलने के लिए गार्डन होता है न सही तरीके से सड़कें ही बनाई जाती हैं. इसके अलावा पार्किंग से लेकर पेयजल, जल निकासी की भी व्यवस्था नहीं होती. रहवासियों की ओर से लगातार की जा रही शिकायतों के साथ-साथ प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में जब ढेरों अनियमितताएं पाई गईं तो प्रशासन ने शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में फर्जी कॉलोनाइजर्स के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया. इसकी ज़द में अब तक आधा सैकड़ा से ज्यादा कॉलोनाइजर आ चुके हैं.
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