योगमाया राजमती के सिद्धपीठ आश्रम में श्रद्धालु प़साद के रूप में मां को त्रिशूल चढ़ा अपने को धन्य समझते हैं
योगमाया राजमती के सिद्धपीठ आश्रम में श्रद्धालु प़साद के रूप में मां को त्रिशूल चढ़ा अपने को धन्य समझते हैं गाजीपुर:- अमूमन देवी मंदिरों में मनौती पूर्ण होने पर श्रद्धालु नारियल चुनरी आदि प़साद चढ़ाते हैं। लेकिन भांवरकोल क्षेत्र के मसोन के उत्तरी -पश्चिमी सिवान के एकांत जंगलों में विद्यमान योगमाया राजमती का सिद्धपीठ आश्रम में श्रद्धालु प़साद के रूप में मां को त्रिशूल चढ़ा अपने को धन्य समझते हैं।