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GNS विशेष- रिपोर्ट : मीडिया हाउस के बाकी पेमेन्ट का भुगतान तुरन्त हो – I&B मंत्रालय

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(जीएनएस- विशेष रिपोर्ट)
नई दिल्ली , 16 अप्रैल। देश में फैली कोरोना महामारी को रोकने के लिये सभी अखबारकर्मी और सभी मिडिया कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे है तब उनकी विक्ट वित्तिय स्थिति को देखते हुये सूचना एवम प्रसारण मंत्रालय ने केन्द्र के सभी मंत्रालयो को चिठ्ठी लिख कर कहा है कि वर्तमान स्थिति में अखबार-मिडिया हाउस जब कोरोनो को रोकने में सरकार के साथ मिल कर काम कर रहे है तब उनकी वित्तिय-फाइनान्सियल हालत और हालात को ध्यान में रखते हुये सभी मिडिया हाउस के जो पेमेन्ट का भुगतान होना बाकी है उसका तुरन्त और अविलंब भुगतान करे । करीब 400 करोड का पेमेन्ट विविध मंत्रालयो में बाकी है । यहां यह बता दे कि कोरोना और लोकडाउन की वजह से अखबारो की माली हालत को देखते हुये सब से पहले जीएनएस न्यूज एजन्सी ने यह मुद्दा उठाया था । जिसे देखते हुये आइएनएस नामक संगठन ने सरकार को ज्ञापन देकर अखबारो को बचाने के लिये कुछ मांगे रखी थी ।
मीली जानकारी के अनुसार, सूचना-प्रसारण मंत्रालय के सचिव रवि मित्तल ने सभी मंत्रालयो और डीएवीपी को पत्र लिख कर कहा है कि जो मिडिया हाउस या अखबारो के विज्ञापन का पेमेन्ट बाकी है, पेन्डिंग है उसका तुरन्त ही भुगतान करे. उन्होनें पत्र में लिखा है कि कोरोना को रोकने के लिये सरकार के प्रयासो को अखबारो द्वारा आम लोगो तक पहुंचाया जा रहा है. मिडिया हाउस भी कोरोना के सामने लड रहे है. लोकडाउन की वजह से अखबारो के आय पर प्रभाव पडा है. निजी विज्ञापन रूक जाने से या कम हो जाने से कुछ अखबारो की हालत बहोत ही खराब है. कई अखबारो ने अपने पेज कम कर दिये, कइ अखबारो ने कोस्ट कटींग के तहत स्टाफ कम कर दिया. एफएम रेडियो सैक्टर भी विज्ञापन न मिलने से प्रभावित है ।
सचिव ने ये भी लिखा है कि ऐसी स्थिति में अखबारो के जो पेमेन्ट विज्ञापनो के बाकी है उसका तुरन्त ही भुगतान किया जाना चाहिये । ताकि वे अपने मिडियाकर्मीओं का वेतन रूका हौ तो उसका भुगतान कर शके या अन्य आवश्यकता के अनुसार उसका उपयोग कर सके. ज्यादातर मंत्रालय सूचना-प्रसारण के ब्यूरो ओफ आउटरीच एन्ड कम्युनिकेशन जो कि डीएवीपी के नाम से भी प्रचलित है उसके द्वारा विज्ञापन देते है । मंत्रालय डीएवीपी को विज्ञापन का भुगतान दे देते है और उसकेबाद डीएवीपी अखबारो को उसका भुगतान करता है. सचिव ने आइएनएस द्वारा मंत्रालय को ज्ञापनपत्र देने के बाद सभी मंत्रालयो को यह चिठ्ठी लिखी है ।
सूत्रो ने बताया कि अब डीएवीपी के बडे अफसरों का ये कर्तव्य है कि वे सचिव के पत्र के बाद तुरन्त ही विज्ञापनो के बाकी 400 करोड का भुगतान करे । जिस मे 12 मंत्रालयो से 224 करोड की राशि निकलती है ।