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1971 के युद्ध की साक्षी श्रीगंगानगर की नागी युद्धभूमि पर 13 से 19 मार्च तक मनाएंगे स्वर्णिम विजय वर्ष, शहीदों को करेंगे नमन

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जयपुर,(G.N.S)। 1971 के युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 2021 को देश भर में स्वर्णिम विजय दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। 16 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भारतीय सेना को सौंपी गयीं विजय ज्वालाएं और स्वर्णिम मशाल देश के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर रूकते हुए युद्ध की साक्षी नागी युद्ध भूमि श्रीगंगानगर पहुंची हैं।यहां शहीदों के सम्मान में 13 से 19 मार्च तक स्वर्णिम विजय वर्ष के तहत विभिन्न कार्यक्रम होंगे।

सेना प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अमिताभ ने बताया कि ये विजय ज्वालाएँ ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर रुकते हुए देश की यात्रा कर रही है। जिनमें से प्रत्येक जगह सम्मान के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है।

श्रीगंगानगर में नागी के पवित्र युद्ध भूमि भी मौजूद हैं। 1971 के युद्ध के दौरान, पाकिस्तान के द्वारा नागी के रेत के टिब्बे पर कब्जा कर लिया गया था। भारतीय सेना के 21 शहीद जवानों के बलिदान के परिणामस्वरूप यह भूमि दुश्मनों से मुक्त हो पायी थी। नागी का यह युद्ध पश्चिमी मोर्चे के एक भीषण लड़ाई का प्रत्यक्ष है। जिसमें हमारी सेनाओं ने पाकिस्तान को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमारे सेना के युद्ध वीरों और शहीदों को सम्मान देने के लिए, मशाल श्रीगंगानगर में 13 मार्च से 19 मार्च 2021 तक सात दिनों के लिए गौरवांवित रहेगी।

विजय ज्योति के प्रवास के दौरान श्रीगंगानगर और नागी युद्ध स्मारकों में पुष्पांजलि कार्यक्रम, वीर नारियों, युद्ध वीरों का सत्कार और हथियार प्रक्षेपण का प्रदर्शन जैसे कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। कई स्थानों पर विजय ज्वाला के साथ विजय मार्च भी किया जाएगा।स्वर्णिम विजय उत्सव का समापन 19 मार्च 2021 को सूरतगढ़ मिलिट्री स्टेशन को विजय ज्वाला सौंपने से होगा।