डॉ. वेदप्रताप वैदिक — श्री इंदर गुजराल आज जिंदा होते तो हम उनका सौंवा जन्मदिन मनाते। वे मेरे घनिष्ट मित्र थे। वे भारत के प्रधानमंत्री रहे, सूचना मंत्री रहे और मुझे याद पड़ता है कि वे दिल्ली की नगरपालिका के भी सदस्य रहे। उनसे मेरा परिचय अब से लगभग 50 साल पहले हुआ, जब वे इंदिराजी की सरकार में मंत्री थे। सोवियत रुस का सांस्कृतिक दूतावास बाराखंभा रोड के कोने