इतिहास भूगोल की पढ़ाई और सामाजिक मंथन कर रहे कैदी
(जीएनएस)14 दिसंबर, जबलपुर। जिन हाथों से कभी कत्ल हुए। खून बहे। गोलियां चलीं। उन हाथों में अब हथियार की जगह कलम आ गई। कलम आई तो कैदियों की सोच बदल गई। बदली हुई सोच के साथ कैदी जेल की चाहर दीवारियों के अंदर ही इतिहास, भूगोल, विज्ञान, उन्यास की पढ़ाई कर रहे हैं। कोई कैदी कविता सुनाता है तो कोई कहानियां। कोई पदमावती का इतिहास बताता है तो कोई भारतीय