देवताओं का छुई-मुई ब्रह्मचर्य ?
डॉ. वेदप्रताप वैदिक केरल के सबरीमाला मंदिर में स्त्रियों के प्रवेश पर जो फैसला सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है, वह स्वागत योग्य है लेकिन फैसले के असली मुद्दे पर हमारे टीवी चैनलों, अखबारों और यहां तक कि जजों ने भी जो बहस चलाई है, वह बड़ी अटपटी है। लगभग सभी ने इसे स्त्रियों के मानव-अधिकार उल्लंघन कहा है। लेकिन यह ऐसा नहीं है। उस मंदिर में स्त्रियों के प्रवेश पर